फुफेरी बहन अरुणा की चुदाई
नमस्ते दोस्तों, मैं छतीशगढ़ के बलरामपुर से देवेश हूँ। मैं अभी बी ए फर्स्ट इयर का छात्र हूँ। जब से जवानी की झलक मेरे जीवन में आई, उसी समय से मुझे सेक्स को लेकर बड़ा मजा आता रहा है।
इसी के चलते मैंने पोर्न की तरफ देखना शुरू किया तो मुझे SEX STORIES पर प्रकाशित होने वाली ठुकाई की कहानी पढ़ना बहुत अच्छा लगने लगा। अब तक इस पर बहुत सी कहानी पढ़ कर मैं अपना लंड हिला कर मजा ले चुका हूं। मुझे मोबाइल पर इसकी कहानियों को किसी भी वक्त पढ़ लेना बड़ा ही मस्त लगने लगा।
यह उस समय की बात है, जब मैं अपने एग्जाम दे रहा था। उन्हीं दिनों मेरे फूफा की लड़की, जिसका नाम अरुणा है। वह हमारे घर आई थी। फूफा का परिवार हमारे ही शहर की दूसरे इलाके में रहते हैं।
मेरी फुफेरी बहन अरुणा दिखने में बहुत ही खूबसूरत थी। उसका फिगर भी एकदम जानलेवा था। उसे मेरे घर आए हुए दो दिन हो गए थे। चूंकि उन दिनों मैं अपने एग्जाम की तैयारी कर रहा था, इसलिए उस पर ध्यान नहीं दे पा रहा था। जबकि मुझे उसे देखते ही एक मस्त सनसनी का अहसास होने लगता था। मगर मजबूरी ये थी कि मुझे अपनी पढ़ाई भी करनी थी। मैं उसकी तरफ देखकर अपना मुँह फेर लेता था और अपनी किताबों में आंखें गड़ा लेता था।
तीसरे दिन वो मेरे पास आई और उसने मुझसे कहा- क्या तू मुझसे नाराज़ है?
मैंने कहा- नहीं।
अरुणा- तो फिर तू मुझसे बात क्यों नहीं कर रहा है?
मैंने कहा- मेरे एग्जाम चल रहे हैं इसलिए बात नहीं कर पा रहा हूँ।
वो बोली- अच्छा ये बात है। मुझे लगा मैं तुझे बुरी लगने लगी हूँ।
मैं मुस्कुरा कर कहा- अरे यार ऐसा नहीं है, तू तो मुझे बहुत पसंद है।
अरुणा ने आंखें नचाते हुए कहा- अच्छा मतलब मैं तुझे बहुत पसंद हूँ।
मैं कहा- हां … तू है ही इतनी प्यारी।
अरुणा- अच्छा, मैं तुझे प्यारी भी लगती हूँ।
मुझे उसके साथ बात करने में मजा आने लगा था। मैंने अपनी किताब एक तरफ रख दी और हम दोनों करीब 1 घंटा बातें करते रहे।
इसी बीच उसने मुझे पूछा- अब तेरी पढ़ाई में कोई समय जाया नहीं हो रहा है।
मैं- अरे यार … अब तुम भी अजीब हो, तुमसे बात न करूं तो कहती हो कि बात क्यों नहीं कर रहे हो और करूं तो कहती हो कि क्यों कर रहे हो।
वो हंसने लगी।
फिर उसने मुझसे पूछा- तेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है?
मैंने कहा- हां यार ,अब तक कोई नहीं है … और तेरा कोई ब्वॉयफ्रेंड है?
इस पर उसने भी ‘नहीं है।’ कह दिया।
उसकी इस तरह की बातों से मुझे लगा कि हो न हो आज इसके मन में कुछ चल रहा है। अब मैंने भी उससे सीधा पूछ लिया- तूने कभी सेक्स किया है?
इस पर वो शरमा गई और धत्त कह कर चली गई।
मैं फिर से अपनी पढ़ाई में मन लगाने लगा।
दूसरे दिन एग्जाम देकर आया तो अगले दिन की छुट्टी होने के कारण मैंने आज अरुणा के साथ समय बिताने का तय किया। शाम को जब हम दोनों टीवी देख रहे थे, तब स्क्रीन पर एक रोमांटिक सीन आ गया। ये सीन बहुत ही सेक्स से भरा था। इसे देख कर उसके मन में कुछ कुछ होने लगा। उसने मेरी तरफ देखा। मुझे उसकी आंखों में एक अजीब सी खुमारी सी दिखाई दी।
मैं उससे कुछ कहता कि तभी वो उठ कर अन्दर वाले रूम में चली गई। मैं पीछे से उसकी गांड हिलते हुए देखने लगा। इस वक्त वो मुझे बहुत ही सेक्सी लग रही थी। शायद वासना की खुमारी मेरे दिमाग पर भी चढ़ चुकी थी।
अन्दर वाले कमरे में जाते समय उसने मुझे एक बार पलट कर देखा और फिर तेज कदमों से अन्दर चली गई।
एक मिनट बाद मैं भी उसके पीछे उसी कमरे में चला गया। मैंने अन्दर जाने से पहले दरवाजे की झिरी में से झाँक कर देखा, तो पाया कि वो कामुकता से बिस्तर पर लेटी हुई अपनी चूचियों को सहला रही थी और एक हाथ से योनि में उंगली कर रही थी। ये सीन देख कर मैं समझ गया कि आज उसे सेक्स करने का मन है।
मुझे तो खुद भी सेक्स करना था, तो मैं उसके पास आ गया।
अरुणा ने मुझे देख कर हैरान होते हुए अपने हाथ हटा लिए और रजाई ओढ़ ली। मैं उसके पास बैठ गया और मैंने उसकी आंखों में आंखें डालते हुए कहा- मतलब तुम्हें भी सेक्स पसंद है।
उसने मुझसे बेधड़क कहा- हां … पर मेरा कोई ब्वॉयफ्रेंड नहीं है। इसलिए मैंने आज तक सेक्स नहीं किया है।
मैंने उसके पैरों पर हाथ रख दिए और उससे कहा- इसका मतलब अभी तक तुम वो हो।?
अरुणा- अभी तक मैं वो … क्या हूँ?
मैंने आंख दबा कर कहा- सीलपैक!
अरुणा- हां।
मैं ये जानकर बहुत खुश हो गया और मैंने उसके हाथ पर अपना हाथ रख दिया।
मैंने कहा कि तुम मुझे बहुत प्यारी लगती हो … तुम मेरी इस बात का क्या मतलब समझती हो?
अरुणा- मुझे नहीं मालूम … मगर तुम भी मुझे बहुत प्यारे लगते हो।
मैं- मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं।
इस पर उसने कहा कि पर मैं तुम्हारी बहन लगती हूं … शायद ये सब ठीक नहीं है … ये पाप है।
मैंने कहा- कोई प्यार कभी पाप नहीं होता … ये अपनी मन की बातें होती हैं। वैसे भी ये एक प्यास होती है जो स्त्री पुरुष मिल कर शांत करते हैं। हम दोनों अपने इस प्यार को सबसे छिपा कर रख सकते हैं। किसी को भी पता नहीं चलेगा।
वो चुप थी … उसकी मेरे साथ सेक्स करने में सहमति नहीं बन पा रही थी। वो नहीं मान रही थी।
मैंने कहा- चलो हम दोनों सेक्स की स्थिति से पहले तक का प्यार तो कर ही सकते हैं।
इस पर उसने कुछ नहीं कहा। तो मैं उसे किस करने लगा। शुरुआत में मैंने उसके हाथ को चूमा फिर उसके साथ लेट गया।
वो मेरी ओर पीठ करके लेट गई। मैंने उसकी गरदन पर किस किया तो वो एकदम से सिहर गई।
वो बोली- बस ऊपर ऊपर से प्यार करेंगे … आगे नहीं बढ़ना।
मैंने ओके कहा और उससे चिपक गया मेरे लंड ने अंगड़ाई लेना शुरू कर दिया था। अब मेरा लंड उसकी गांड में टच करने लगा था, जिससे वो कसमसा रही थी।
मैं आगे हाथ बढ़ा कर उसकी चूची दबाने लगा।
वो बोले जा रही थी- ये सब गलत है … ये पाप है, किसी को पता लगा … तो बदनामी हो जाएगी।
पर मैं रुका ही नहीं और उसकी चूचियों को दबाता रहा।
कुछ देर यूं ही मम्मे मसलने और उसे किस करने के बाद वो मेरी तरफ घूम गई। मैंने उसकी तरफ देखा, तो वो भी गर्म हो गई थी।
अब मैं उठा और मैंने रूम के बाहर जाकर देखा, बाहर कोई नहीं था। मैंने रूम को अन्दर से लॉक कर दिया। फिर उसके पास जाकर उसके कपड़े उतारने लगा। वो मना करने जैसे इशारा भी किये जा रही थी और अपने हाथ उठा कर अपने कपड़े भी उतरवाती जा रही थी। मैंने उसका टॉप लोअर उतार दिया। अन्दर उसने रेड कलर की ब्रा और पिंक कॉलर की पेंटी पहन रखी थी। मैंने भी झट से अपने लोअर और टी-शर्ट को उतार दिया।
अब मैं उसके बगल में बिस्तर पर लेट गया और उसको अपनी बांहों में खींच लिया। मैंने नीचे हाथ ले जाकर उसकी पेंटी के ऊपर से ही उसकी योनि को सहलाया, तो वो एकदम से गनगना गई। उसकी योनि ऊपर से ही इतनी मुलायम थी कि मन हो रहा था कि अभी खा जाऊं। अब मैंने उसकी चूचियों को चूसना शुरू कर दिया।
आह क्या मक्खन जैसी चिकनी और मस्त चूचियां थीं … यार मजा आ गया। मैंने उसकी ब्रा उतार दी। उसने मेरा हाथ पकड़ कर नीचे योनि पर रखवाया, तो मैंने उसकी पेंटी भी निकाल दी।
अब वो पूरी नंगी मेरे साथ थी। मैंने भी अपना लंड खुला कर दिया। मैं नीचे आकर उसकी योनि चाटने लगा। थोड़ी देर में ही उसने योनि से पानी निकाल दिया। मुझे अरुणा की योनि का पानी थोड़ा अजीब सा लगा, पर मैंने पूरा पानी पी लिया।
फिर मैंने उससे कहा- मेरा लंड मुँह में ले लो।
उसने मना कर दिया।
मैंने कुछ देर उससे कुछ नहीं कहा। शायद उसका मन था, इसलिए वो मेरे लंड को हाथ से हिलाने लगी।
अब फिर मैंने कहा- एक बार मुँह में लेकर तो देखो।
मेरे फोर्स करने पर मान गई और लंड चूसने लगी।
मैं उसके साथ 69 की पोजीशन में हो गया। वो मस्ती से मेरा लंड चूसने लगी। मैं उसकी योनि को फिर से चाटने लगा।
उसके लंड चूसने का अंदाज बड़ा मस्त था … आह क्या साली रंडियों के जैसे लंड चूस रही थी, मुझे मजा आ रहा था।
कुछ ही देर की लंड चुसाई से मेरा पानी निकल गया और उसके मुँह में चला गया। उसने मेरा पूरा पानी पहले तो अपने मुँह में ले लिया, लेकिन बाद में उसने सारा लंड रस बाहर थूक दिया।
मैंने उससे पूछा- स्वाद कैसा लगा?
उसने कहा- बहुत ही गंदा लगा।
मैंने कहा- लड़कियों के लिए ये एक बहुत ही मस्त प्रोटीन होता है … इसको थूक कर बर्बाद नहीं करना चाहिए … इससे तुम्हारी स्किन में बड़ा ग्लो आएगा।
वो मेरी तरफ देख कर हंसने लगी और बोली- क्यों चूतिया बना रहे हो।
मैंने कहा- अरे तुमन मुझे झूठा समझ रही हो … कभी तुमने उन लड़कियों को नहीं देखा, जो शादी के बाद एकदम भर जाती हैं। कितना ग्लो दिखने लगता है उनके जिस्म में।
वो मेरी बात सुनकर सोचने लगी और बोली- हाँ ये तो है।
अब मैंने उसे बिस्तर पर लेटने को कहा और उसकी योनि में उंगली डालने लगा। उसकी योनि इतनी छोटी सी थी कि मेरी दो उंगलियां भी ढंग से अन्दर नहीं जा पा रही थीं। फिर मैंने टेबल पर रखी तेल की बोतल उठाई और उसकी योनि में लगाया। कुछ तेल मैंने अपने लंड पर भी लगा लिया।
इसके बाद मैंने उसके ऊपर चढ़ कर ठुकाई की पोजीशन बनाई और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए। वो मेरे होंठ चूसने में मस्त होने लगी। इधर मैं अपने 7 इंच के लंड को उसकी योनि में डालने लगा। अरुणा की योनि छोटी सी थी और तेल से चिकनी भी हो गई थी। इसी के चलते बार बार लंड योनि के छेद में न जाकर इधर उधर फिसला जा रहा था।
फिर मैंने उसकी गांड के नीचे तकिया लगाया और उसे कसके पकड़ लिया। फिर मैंने लंड को योनि के छेद पर रख दिया और एक ही झटके में लंड अन्दर पेल दिया। अभी मेरा थोड़ा सा लंड ही उसकी योनि में घुस पाया था कि वो चिल्लाने लगी।
मैंने अपने हाथ से उसका मुँह बंद कर दिया और एक और झटका दे मारा, तो मेरा आधा लंड योनि में चला गया। वो दर्द से रोने लगी। मैं भी रुक गया। अब मैं उसके दूध चूसने लगा और सर पर हाथ फेरने लगा। वो कुछ सयंत हुई।
एक मिनट रुकने के बाद मैंने एक और बार झटका मारा, तो इस बार मेरा पूरा लंड योनि में चला गया। वो दर्द से रो रही थी और उसकी योनि से खून आ रहा था। मगर अब मैं रुका नहीं … अरुणा को चोदता रहा।
कुछ देर बाद उसे भी मजा आने लगा। वो अब उछल उछल कर लंड ले रही थी और बोल रही थी- आह देवेश चोदो … और चोदो … मेरी योनि को चोदकर आज अपनी बहन योनि को भोसड़ा बना दो।
कुछ देर चोदने के बाद हम दोनों ने एक साथ पानी छोड़ दिया। हम दोनों एक साथ चिपक कर अपनी सांसें नियंत्रित करने लगे।
फिर थोड़ी देर बाद हम दोनों ने 69 की पोजीशन में ओरल सेक्स किया। आज मेरी बहन मेरे साथ चुद चुकी थी। उसकी ठुकाई की कामना पूरी हो गई थी।
अब हमें जब भी मौका मिलता, हम सेक्स कर लेते। कभी मैं उसके घर जाता, तो कभी वो मेरे घर आ जाती।
ऐसे ही हम दोनों भाई बहन हमेशा सेक्स करते रहते हैं।
आपको मेरी बुआ की बेटी की वासना और ठुकाई की कहानी अच्छी लगी या नहीं, कमेंट में जरूर बताना या मुझे मेल करना।