दूर की बुआ को घोड़ी बनकर चोदा
हेलो फ्रेंड्स, मेरी उम्र 22 साल है, मेरा नाम आकाश है। मैं कोरबा का रहने वाला हूं।
बुआ की ठुकाई की यह कहानी तब की है ज़ब मैं 12 में पढ़ता था, यही कोई 18 साल का। मेरी दादा जी के लड़के की नई शादी हुई तो मम्मी ने उन्हें कुछ दिनों के लिए घर पर बुला लिया। हम बहुत खुश हुए क्योंकि नई बुआ जो आई है। वो बहुत सेक्सी थी 28-24-38
एक दिन मैं और बुआ बात कर रहे थे तो मेरा हाथ उनके पेट पर चला गया उन्होंने कुछ नहीं कहा। मेरे को अजीब से करंट लगा पर मैं बात करता गया।
फिर वो अपने घर चली गई। वो भी मथुरा में रहती है। कुछ दिनों बाद मैं उनके घर गया और वीक में 1 दिन ज़रूर जाता. मैं कभी फल कभी मिठाई ले कर ज़रूर जाता।
3-4 महीने बाद एक दिन घर पर कोई नहीं था बुआ अकेली थी मैं बहुत खुश हो गया. हम बात करने लगे बात करते करते बुआ मेरी जांघ पर अपना सर रख के लेट गई, बस मुझे लगा मेरे को योनि मिल गई।
फिर कुछ देर बाद बुआ ने बोला कि मैं गेट कि चिटकनी लगा आऊँ, दोपहर में मालूम नहीं पड़ता, और बोली कुछ देर सो जाओ।
बुआ सो गई पर मेरे को क्या सोना था मैं बुआ को देख रहा था. मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी कि कुछ करूं, पर हिम्मत कर के मैंने उनके पेट पर हाथ रख दिया फिर धीरे धीरे उनके बूब्स पर। मेरे पूरे शरीर में कंपकपी आ रही थी। फिर मैंने दबाना शुरु किया.
बुआ अचानक उठी और ज़ोर से बोली- आकाश यह क्या कर रहे हो, चुपचाप सो जाओ!
मैं बुरी तरह डर गया फिर कुछ देर कुछ नहीं किया, फिर शुरु हो गया।
अबकी बार बुआ ने कुछ नहीं कह। मैंने उनके होटों पर अपना होंट रख दिया और ज़ोर ज़ोर से किस करने लगा होंठ इतने प्यारे थे की कुछ और करने का मन ही नहीं कर रहा था. धीरे धीरे बुआ गर्म होने लगी और मुझसे भी ज्यादा ज़ोर ज़ोर से होंठ चूस रही थी.
फिर मैंने उनका बलाउज खोला और अन्दर से फडफडाते हुए वक्षों को ब्रा से आजाद कर दिया, कभी बूब्स दबाता तो कभी उन्हें पीता, फिर मैंने साड़ी को उतार दिया और वो बस चड्डी में रह गई थी, मैंने पहली बार योनि का दर्शन किया और अपने होटों से चाटने लगा जैसे कोई आइसक्रीम चाट रहा हो. फिर क्या था बुआ ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ लेने लगी, मैं तो योनि चाटने में मस्त था।
योनि की पक्को भी कर लेता बुआ के चेहरे से लग रहा था कि बुआ को मुझसे ज्यादा आनंद आ रहा है, फिर अचानक उन्होंने मुझे हटा दिया और मेरे क्लोथ्स उतारने लगी। मेरा लंड को देख कर वो हैरान हो गई 6″ लंबा लंड मानो उन्होंने पहली बार देखा हो, और लोलीपोप की तरह चूसने लगी मेरा मज़ा बहुत ज़ल्दी निकल आया और मैंने उनके माउथ में ही रसपान निकाल दिया।
फिर थोडी देर बाद मैंने उनकी योनि में अपना लंड डाला और मेरी तो फट गई थी डालने में योनि इतनी टाइट थी कि लंड छिल गया था। हल्के हल्के मैं धक्के मार रहा था फिर अचानक बुआ ज़ोर ज़ोर से ऊपर उठने लगी, और मैंने कई स्टाइल से योनि मारी बुआ मुझसे पहले रस निकाल चुकी थी, मेरा भी निकल गया और बुआ के ऊपर ही लेट गया थोड़ी देर में मैं उठा और चुपचाप घर आ गया…
अभी इस से भी बढिया एंड है बुआ की ठुकाई की इस कहानी का, वो मैं अगली बार बताऊँगा… जरा सोचो कि मैं चुपचाप क्यों चला गया और बाद में क्या किया होगा
मैं बुआ की ठुकाई करने के बाद तुरन्त घर गया और सोचता रहा कि क्या मुझसे सही हुआ या फ़िर मैंने गलत कर दिया। पर ठुकाई के आगे किस की चलती है!
मुझे फ़िर कुछ दिनों बाद बहुत अच्छा मौका मिला। घर के सभी सदस्य शादी में शहर से बाहर गए हुए थे, मम्मी बुआ को घर की देखभाल के लिए छोड़ गई थी। मेरे पेपर चल रहे थे। मैं पेपर करते समय भी बुआ की योनि के बारे में ही सोचता रहा था।
बस एक घण्टे बाद मैं घर पहुँच गया। बुआ नहाने के लिए जा रही थी। घर पहुँचते ही मैंने बुआ को अपनी बाहों में ले लिया, मेरी साँसें बहुत तेज़ चल रही थी। मुझे मालूम था कि आज मेरी प्यास जरूर बुझ जाएगी।
फ़िर क्या था, मैंने बुआ के होंठों को चूमना शुरू कर दिया! लग रहा था कि मानो वो होंठ नहीं गुलाब की पंखुड़ियाँ हों। धीरे धीरे मेरा लण्ड मिनार की तरह खड़ा हो गया।
फ़िर मैंने उनके स्तनों को हल्के हल्के मसलना चालू किया। फ़िर मैंने उनके स्तन अनावृत किए- इतने गोरे गोरे! चोटी से चुचूक!
मैं हब्शी की तरह उन पर टूट पड़ा, ऐसे जैसे कि किसी ने बरसों से खाना ना खाया हो। बुआ के स्तनों को मैं इतने ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था कि वि बुरी तरह काम्प रही थी।
कभी स्तनों से दूध पीता तो कभी उनके होंठों को चूसता और दूसरे हाथ से स्तनों को मसल रहा था। मैं उनके स्तन को पूरा अपने मुँह में भर लेना चाहता था पर मेरी किस्मत! स्तन बड़े थे और मेरा मुँह छोटा। पर कोई बात नहीं!
फ़िर मैंने उनके मुंह में अपना प्यारा और सेक्सी लण्ड रख दिया और 69 की अवस्था में हो गया। उनकी योनि पे एक भी बाल नहीं था। मैं उनकी योनि इतने प्यार से चूस रहा था कि कि बुआ का एक बार तो निकल भी गया।
मैंने बुआ की योनि की दोनों पंखुड़ियों को अलग करके ऐसा चाटा जैसे कोई बिल्ली दूध को चाट जाती है। फ़िर धीरे धीरे मैंने उनकी योनि में ऊँगली घुसा दी। बुआ ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ ले रही थी और बीच बीच में कभी मेरे लण्ड को जोर से काट भी लेती। मैं जल्दी जल्दी बुआ की योनि में ऊँगली कर रहा था, बस बुआ और मैं साथ साथ ही गए।
फ़िर बुआ ने मेरे लण्ड को दोबारा मिनार बनाया। मैंने उन्हें मेज़ पर बैठाया और अपनी मिनार को उनकी कोमल सी योनि में डाल दिया। बस कुछ देर बाद मैं नीचे हो गया और बुआ मेरे ऊपर जोर जोर से झटके मारने लगी। ऐसा मज़ा मेरे जीवन में कभी नहीं आया था।
फ़िर मैंने बुआ की ठुकाई कुतिया वाले स्टाइल में की, फ़िर हम दोनों ही पस्त हो गए। थोड़ी देर में बुआ नहाने के लिए चली गई और मैं भी उनके साथ गया था बाथरूम में। बस ये पल ही विशेष क्षण बन गए मेरे जीवन में!