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मौसी की बेटी आसी की चुदाई

 मौसी की बेटी आसी की चुदाई 


हेलो दोस्तों, मैं मुंबई का रहने वाला हूँ। प्यार से लोग मुझे राजीव कहते हैं। जब ये घटना हुई थी तब में 20 साल का था। मेरे पिताजी एक बिजनेसमैन हैं। ये मौसेरी बहन की ठुकाई कहानी पूरी तरह से काल्पनिक सोच पर आधारित है।

मैं गर्मियों की छुट्टियां बिताने के लिए कुछ दिन अपने मौसी के घर जाने वाला था। मेरे मौसी पुणे में रहते हैं। मैंने अपने मौसी के घर पुणे जाने के लिए मुंबई से फ्लाईट ली थी। मेरे मौसी के घर में सिर्फ तीन लोग ही रहते थे। मेरे मौसा, मौसी और उनकी बेटी आसी।



आसी की उम्र 23 साल थी, यानि वो मुझसे पांच साल बड़ी थी। आसी दिखने में बहुत सुंदर, हॉट और मॉडर्न ख्यालात वाली लड़की थी।

मैं और आसी बहुत अच्छे दोस्त थे। मुझे आसी बहुत ज्यादा पसंद थी। जब भी मुझे छुट्टियों में फ्री रहना का मौका मिलता, तब या तो मैं वहां चला जाता या आसी मुंबई आ जाती थी।

उस दिन तकरीबन शाम के सात बजे मैं मुंबई एयरपोर्ट पर पहुंच गया था। जहां आसी मेरा इन्तजार कर रही थी।

जैसे ही मेरी नजर आसी पर पड़ी, मेरे पूरे शरीर में बिजली सी दौड़ गई। सच में आसी इस समय इतनी हॉट लग रही थी, मानो अभी मैं उसको प्रपोज कर डालूं। लेकिन वो मुझे एक अच्छा दोस्त समझती थी, इसीलिए मैंने कभी प्रयास नहीं किया। आज उसको इस तरह से देख कर मुझसे रहा नहीं जा रहा था। इस बार मैंने ठान ली थी कि आसी को अपनी गर्लफ्रेंड बनाकर रहूँगा। मेरी नजर उसके हॉट फिगर और तने हुए मम्मों पर ही टिकी थी।

हम दोनों एक-दूसरे को देखकर मुस्कराने लगे और मैं अपने बैग के साथ उसके पास चला गया। वो मेरी तरफ बढ़ी, तो मैंने अपनी बाँहें फैला दीं। हम दोनों गले मिलते हुए एक दूसरे से लिपट गए।

आसी- कैसे हो मेरे राजा!
मैं- एकदम बढ़िया … आप कैसी हो?
आसी- फर्स्टक्लास।

आसी मुझे प्यार से राजा कहकर बुलाती थी और मुझसे आसी बड़ी होने पर भी मैं उनको प्यार से आसी कहकर बुलाता था। चूंकि आसी मेरी बैस्टफ्रेंड भी थी।

फिर मैं कार के डिक्की में बैग रखकर आगे सीट पर बैठ गया। उसने कार को गति दे दी और हम दोनों वहां से निकल गए।

आसी बड़ी मस्त कार चला रही थी। आसी के पास ऑडी कार थी। मेरे मौसी जी भी काफी बड़ा बिजनेस कर रहे थे।

आसी- कैसा गया एक्जाम?
मैं- हमेशा की तरह बेहतर … वैसे आज आप बहुत सुंदर लग रही हैं।
आसी- थैंक्स!

मैं- इन छुट्टियों में क्या प्लान है?
आसी- मॉम-डेड एक हफ्ते के लिए दुबई जा रहे हैं। वे उधर अपने दोस्त के बेटे की शादी में जा रहे हैं … और कुछ बिजनेस की मीटिंग भी हैं … इसलिए हम मुंबई ही रहेंगे … मॉम-डेड के आने के बाद देखते हैं।

घर में अकेले रहने की बात सुनकर मैं अन्दर से बहुत खुश था, क्योंकि पहली बार मुझे बेहतरीन मौका मिलने वाला था।

फिर हम एक-दूसरे से इधर-उधर की बातें करने लगे। हम दोनों करीबन आधे घंटे बाद घर पहुंच गए थे।

आसी ने हॉर्न दिया, तो वाचमेन ने गेट खोल दिया और कार फिसलती हुई अन्दर चली गई। वहां एक ऑडी और एक मर्सिडीज पहले से ही खड़ी थीं।

हम दोनों कार से उतर आए, मैंने अपना बैग निकाला और हम दोनों साथ में घर में अन्दर आ गए।

मैं आपको बता दूं कि आसी का घर कोई साधारण घर नहीं था। मुंबई जैसी जगह में उसकी दो मंजिला कोठी थी। वहां मौसी हॉल में सोफे पर बैठ कर टीवी देख रहे थे और मौसी किचन में खाना आदि का देख रही थीं। वैसे तो यहां काम करने के लिए एक मेड आती थी, लेकिन वो एक महीने की दो हफ्ते की छुट्टी लेकर अपने गांव गयी थी।

मैंने मौसी से नमस्ते की, तभी मौसी भी हॉल में आ गईं। मैंने मौसी जी को भी नमस्ते बोली और मैं वहीं आसी के साथ सोफे पर बैठ गया।

मौसी- कैसा है?
मौसी की बोली में मुम्बई की भाषा का पुट था।
मैं- ठीक हूँ।
मौसी- जा तू फ्रेश हो जा … तब तक खाना भी तैयार हो जाएगा।
मैं- ओके।।

फिर मैं दूसरी मंजिल पर बने गेस्टरूम में अपना बैग लेकर आ गया। ये कमरा आसी के रूम से लगा हुआ था। मैं अपने कपड़े लेकर नहाने के लिए बाथरूम चला गया।

बाथरूम के फुहारे के नीचे पानी की ठंडी बूंदों में मैं नंगा खड़ा था। इस वक्त आसी की चूचियां मेरी आँखों में नाच रही थीं। मैं लंड हिलाता हुआ आसी को चोदने के सपने देखने लगा।

तभी आसी की आवाज आई- राजा खाना लग गया है … जल्दी से आ जा।
मेरी तंद्र भंग हो गई और मैं अपने लंड की मुठ मारने से वंचित रह गया।

फिर कुछ मिनट बाद में नहाकर बाहर आ गया। मैं तैयार होकर रूम से बाहर निकल कर आसी के पास जाकर बैठ गया।
मौसी- कैसे गए एक्जाम?
मैं- एकदम मस्त।
मौसी- गुड!

तभी मौसी की आवाज सुनाई दी- आसी इधर आना!
“जी … आई मॉम!”

आसी मॉम के पास चली गई और खाने को लाकर डाइनिंग टेबल पर रखने लगी। हम चारों एक साथ बैठकर खाना खाने लगे। मैं आसी के पास बैठा था।
हम खाना खाते हुए बात कर रहे थे।

खाना खत्म करके हम सभी सोफे पर बैठ गए। मौसी मौसी कुछ देर बाद अपने कमरे में चले गए। मौसी-मौसी को सुबह जल्दी फ्लाईट से जाना था, इसीलिए वो दोनों सो गए।

करीबन दस बजे तक हम दोनों टीवी देखते रहे। फिर आसी उठी और नहाने चली गई, उसको रात में नहा कर सोने की आदत थी।

मैं टीवी पर मूवी देखते हुए सोच रहा था कि कल से मैं और आसी अकेले होंगे, क्योंकि कल से घर पर कोई नहीं होगा। ड्राईवर भी छुट्टी पर जा रहा था। चूंकि मौसी-मौसी दुबई जा रहे थे, इसलिए उसने पहले ही छुट्टी ले ली थी।

घर के बाहर सिर्फ वाचमैन ही रहेगा, जिसकी कोई चिंता नहीं थी। यानि मेरे लिए एक गोल्डन अवसर था। आसी का कोई ब्वॉयफ्रेंड भी नहीं था और मेरा एक साल पहले अपनी गर्लफ्रेंड के ब्रेकअप हो गया था। वैसे मेरी गर्लफ्रेंड बहुत सुंदर थी, लेकिन उसके पिता को पता चलने पर उन्होंने मेरी गर्लफ्रेंड का कॉलेज ही चेंज करवा दिया था और साथ में मुझसे मिलने के लिए मना कर दिया।

अब आसी को कैसे पटाऊं, मैं उसके बारे में ही सोच रहा था।

तभी आसी शॉर्ट्स पहनकर मेरे पास आ गई। आसी को शॉर्ट्स में देखकर मेरा लंड हल्का सा गुर्राने लगा और खड़ा होने लगा था। आसी की इस हॉट फिगर को देखकर मुझे ऐसा लग रहा था कि अभी उसके मम्मों को दबा डालूं और उसको अभी चोद डालूं।

आसी को ऐसे देखकर मेरी नियत बिगड़ रही थी। फिर भी मैं अपने आपको कन्ट्रोल कर रहा था।

करीब बारह बजे तक हम दोनों मूवी देखते हुए बातें करते रहे। फिर हम दोनों सोने के लिए अपने अपने कमरे में चले गए।

मैं कमरे में आकर सीधा बाथरूम में चला गया और आसी के हॉट फिगर के बारे में सोचकर मुठ मारने लगा।
दस मिनट बाद मैं शांत होकर बिस्तर पर आ गया और सो गया।

सुबह के आठ बजे जब मैं सो रहा था, तब आसी मुझे उठाने के लिए आई।
आसी मुझे उठाने के लिए आवाज लगाई- ओ मेरे प्यारे राजा … अब उठ जा … सुबह के आठ बज गए हैं, हमें शॉपिंग करने जाना है।

मैं नींद में था … मुझे होश ही नहीं था। मैंने आंख मलते हुए कहा- हां मेरी प्यारी रानी … अभी उठता हूँ।
मेरी इस बात पर आसी हंसकर चली गई।

आसी- चल उठ जा … मैं नाश्ता बनाती हूँ।

मैं उठकर फ्रेश होने के लिए चला गया। करीबन आधे घंटे बाद मैं तैयार होकर बाहर आ गया। मैं डाइनिंग टेबल पर बैठकर इंस्टाग्राम यूज कर रहा था। तभी आसी नाश्ता लेकर आई।
मैं- गुड मॉर्निंग।।
आसी- गुड मॉर्निंग।।

फिर हम दोनों एकसाथ नाश्ता करने लगे। मेरी नजर उसके कातिलाना मम्मों पर ही टिकी थी।

मैं- आज का क्या प्लान है।
आसी- पहले शॉपिंग करेंगे, फिर घूमेंगे।

कुछ देर बाद आसी अपना नाश्ता खत्म करके नहाने चली गई और मैं नाश्ता करते हुए इंस्टाग्राम यूज करता रहा। इस समय मैं सोच रहा था कि अभी आसी के रूम में जाकर उसके बाथरूम में घुस जाऊं और आसी को चोद डालूं।

सच में आसी इतनी हॉट थी, जो भी उसको एक बार देख लेगा, वो जरूर सोचेगा कि काश ये लौंडिया मेरी गलफ्रेंड होती।

अब तक मैंने भी नाश्ता खत्म कर लिया था। मैं सोफे पर बैठ कर फोन यूज कर रहा था … तभी आसी तैयार होकर आ गई, मैं आसी को देखता ही रह गया।

आसी- क्या देख रहे हो?
मैंने मुस्कराते हुए कहा- काश आप मेरी गलफ्रेंड होतीं।
आसी ने मजाक करते हुए कहा- क्या मैं तुमको इतनी पसंद हूँ।
मैं- अपनी जान से भी ज्यादा!
आसी- हा हा … अब चलें?

मैं सोफे से खड़ा हो गया। फिर हम दोनों साथ में चल दिए। हम दोनों कार में बैठकर बाहर निकल आए, वाचमैन ने गेट खोल दिया। आसी ड्राइव कर रही थी। मुझे अभी आसी को किस करने का मन हो रहा था।

फिर हम दोनों एक मॉल की पाकिॅग में आ गए। उसने कार पार्क कर दी और शॉपिंग के लिए मॉल में घुस गए। हम दोनों की हाइट भी बिल्कुल सेम थी और मैं जिम भी करता था। हम दोनों को एक साथ देखकर कोई भी यही सोचेगा कि ये दोनों ब्वॉयफ्रेंड-गलफ्रेंड हैं, लेकिन फिलहाल तो हम एक अच्छे दोस्त भर थे।

कुछ देर हम दोनों शॉपिंग करते कॉफ़ी शॉप पर रुक गए, वहां कॉफ़ी पीने लगे। शॉपिंग होने के बाद हम कार लेकर वहां से निकल गए। वहां से निकल कर हम मुंबई घूमते रहे और फोन में फोटो लेते रहे।

जब मैं अपने फोन से सेल्फी लेता था, उस दौरान आसी मेरे बहुत नजदीक आ जाती थी। एक बार वो मेरे इतने करीब आ गई थी कि उसके चूचे मुझे छूने लगे थे। उस वक्त मुझे एक अलग ही फीलिंग होने लगी थी। कुछ ही देर में ऐसा कई बार हो चुका था। आज से पहले में ऐसा कभी नहीं सोचता था। मैंने ठान लिया था कि आज तो मैं आसी को प्रपोज करके ही रहूँगा।

जब एक जगह हम दोनों साथ साथ हाथों में हाथ डाले घूम रहे थे, तब एक जगह पर फूल वाले की दुकान थी।

मैंने आसी को पता चले बिना ही, एक गुलाब खरीद लिया और कार में छुपा दिया।

इस मौसम में मुंबई में गर्मी भी बहुत थी।

हम पूरे दिन घूमते रहे, शाम को हमने एक अच्छे से होटल में डिनर किया और घर आने के लिए निकल आए।

आसी कार चला रही थी, म्यूजिक बज रहा था। मैं मोबाइल का इस्तेमाल करते हुए मुंबई का नजारा देख रहा था। करीबन एक घंटे बाद हम दोनों घर पहुँच गए थे। अभी वहां दूसरा वाचमैन खड़ा था क्योंकि पहले वाले की ड्यूटी खत्म हो गई थी।

हम दोनों कार से उतरे और बैग लेकर अन्दर आ गए।

मैं- आसी आपके लिऐ एक खास सरप्राइज है, जिसके लिए आपको अपनी आंखें बंद करनी पड़ेंगी।
आसी- क्या है?
मैं- आप आंखें बंद करें … मैं अभी आया।

आसी ने अपनी आंखें बंद कर लीं।

मैं कार के पास जाकर उसमें छुपाया गुलाब बाहर निकाल लाया और पीछे करते हुए अन्दर आ गया।

मेरा दिल जोरों से धड़क रहा था, क्योंकि मैं बहुत बड़ा कदम उठाने जा रहा था। आसी को अपनी गलफ्रेंड बनाना मुश्किल था। मुझे पता था कि वो मना कर देगी, लेकिन इस बात का विश्वास था कि वो अपने पेरेन्टस को नहीं बताएगी। हम दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे और यही सोच कर मैंने पूरा प्लान बना लिया था।

जब मैं अन्दर आया, तब आसी आंख बंद करके खड़ी थी। मैं उसके पास जाकर खड़ा हो गया।
मैं- अब तुम अपनी आंखें खोल सकती हो।

आसी ने अपनी आंखें खोल दीं और मैंने उसी समय गुलाब आगे करके प्रपोज कर दिया।
मैं- आई लव यू।
आसी ने चौंकते हुए कहा- ये क्या मजाक कर रहे हो?
मैं- आई एम सीरियस।
आसी- तुम पागल हो गए हो क्या!

मैं- नहीं, मुझे तुम बहुत पसंद हो, मैं तुम्हें अपनी गलफ्रेंड बनाना चाहता हूँ।
आसी- ये तुम क्या बोल रहे हो, मैंने कभी तुम्हारे बारे में ऐसा कभी नहीं सोचा है।
मैं- क्यों … मैं तुम्हें पसंद नहीं हूँ?
आसी- राजीव ऐसी बात नहीं है … मुझे तुम पसंद हो, तुम हैंडसम हो, लेकिन में तुम्हारी गलफ्रेंड नहीं बन सकती।
मैं- क्यों?
आसी- समझो यार … अगर हमारे पेरेन्टस को पता चल गया, तो ठीक नहीं होगा … फिर मैं तुमसे पांच साल बड़ी भी हूँ।
मैं- जब पता चलेगा, तब देखा जाएगा। वैसे भी प्यार उम्र देखकर थोड़ा होता है।
आसी- तुम कुछ भी कह लो, लेकिन ये सम्भव नहीं है … सॉरी राजीव मैं तुम्हारी गलफ्रेंड नहीं बन सकती।

आसी की बात सुनकर मैं थोड़ा मायूस हो गया और गुस्से में गुलाब फेंककर अपने कमरे में चला गया और मैंने अन्दर से कमरे को बंद कर लिया।

तभी आसी मेरे दरवाजे पर दस्तक देने लगी- राजीव … दरवाजा खोल।
मैंने गुस्से में कहा- मुझे आपसे कोई बात नहीं करनी है।

आसी फिर से दरवाजे पर दस्तक देने लगी- राजीव दरवाजा खोल, वरना मैं तुम्हारे पापा को कॉल करती हूँ।
मैंने दरवाजा नहीं खोला।

आसी चली गई, मुझे यकीन था कि वो कॉल नहीं करेगी। मुझे ये भी पता था कि वो मेरे प्रपोजल को नहीं स्वीकारेगी। इसलिए मैंने उससे रूठने का नाटक किया था। कल जब मैं उससे बात नहीं करूंगा, तब आसी मुझे मनाने की कोशिश करेगी और आखिरकार मेरी नाराजीवगी देखकर वो जरूर हां कह देगी।



अब वो दिन दूर नहीं था, जब आसी को मैं अपनी बांहों में लेकर उसके होंठों पर किस करूंगा।
मैं कुछ देर सोचता हुआ आराम से सो गया और सुबह का इन्तजार करने लगा।

अगले भाग आप पढ़ेंगे कि कैसे आसी मेरे प्रपोजल को स्वीकार कर लेती है और फिर हम दोनों के बीच रोमांस शुरू होता है। इस मदमस्त रंगीन कहानी में सेक्स का इतना धीमा मजा है कि लंड और योनि पल पल गीले होते रहेंगे।

मेरी इस बहन की ठुकाई कहानी पर आपके मेल का मुझे इन्तजार रहेगा।

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  दूर की मामी की गांड की चुदाई मेरा नाम सितेश है। मैं अभी रायपुर में रहता हूँ, रंग गोरा, 5’6′, 25 साल, ग्रेजुएट।यह मेरा पहला संदेश है आप लोगो के लिए। इसका मतलब यह नहीं कि यह मेरा पहला सेक्स अनुभव है। इससे पहले मैंने बहुत सेक्स किया है लड़कियों और आंटियों से। जो लड़कियाँ मेरे साथ सेक्स में रात गुजारती, वो मेरे साथ शहर में घूमने के लिये भी ख्वाहिश रखती थी।

चाची की गांड मारी

चाची की गांड मारी  जैसे   कि   मैंने   आपको   बताया   मेरा   नाम   विशाल   है ,  मैं   बिहार   में   रहता   हूं।   मेरी   उम्र  18  साल   की   है।   मेरा  6.5  इंच   लम्बा   लंड   किसी   भी   योनि   की   गर्मी   बुझाने   के   लिए   काफी   है। यह   कहानी   मेरी   ममेरी   चाची   के   साथ   हुई   ठुकाई   पर   आधारित   है।   तो   अब   सब   लौंडे   अपने   अपने   लवडे   को   पकड़   कर   बैठ   जाएं   और   सब   लड़कियां   एक   एक   खीरा   अपने   पास   रख   लें।